एक दिन सुधामा ने अपनी पत्नी से कहा, “मुझे लगता है कि हमें भगवान कृष्ण के दर्शन करने चलना चाहिए।” उनकी पत्नी ने उसे उसके गरीबी के कारण डराया, लेकिन सुधामा ने अपनी आस्था में पक्का रहकर कहा, “अगर हम ईमानदारी से और निष्काम भाव से भगवान के दर्शन करने जा रहे हैं, तो वह हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं।”